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Sunday, February 5, 2023

Throwback Memories --- During my first posting

यह बात 2005 की है , जब मेरी पहली नियुक्ति हुई थी। वो भी हिमाचल के interior area में। पहाड़ों का जीवन कभी भी सरल नहीं रहा । हर एक दिन मुश्किल भरा होता है । अगले दिन क्या मुसीबत आ जाए , कोई पता नहीं । मुझे जिस चीज से समस्या होती थी , वह है एक दम बारिश का आना , बर्फबारी तो और ज्यादा समस्या लेकर आती है। 
          मैं आपको बारिश का एक किस्सा सुनाता हूं, मैं गाड़ी में अपने परिवार के साथ जा रहा था , और मेरा स्टेशन बस 1 km दूर था कि अचानक बारिश आ गई । मेरी  गाड़ी मोड़ पर बारिश में आई मिट्टी में फंस गई। मैंने सोचा कि गाड़ी को यहीं रहने दूं सुबह ले जाऊंगा । इतने में वहां एक लोकल व्यक्ति आया 
और बोला कि यहां से गाड़ी ले जाओ। यहां इस छोटे से नाले में कभी भी ज्यादा पानी आ जाता है ।उसने मेरे साथ मदद करके गाड़ी निकाल भी दी और स्टार्ट भी कर दी । मैं चुपचाप चला गया । अगले दिन मुझे पता चला कि जहां मैं गाड़ी छोड़ के आने वाला था , वहां की सड़क रात को हुई भारी बारिश में बह गई। मैंने मन ही मन उस अनजान आदमी का शुक्रिया किया , अगर मैं उसकी बात नहीं मानता तो आज मेरी गाड़ी नदी में होती। 
       अब एक किस्सा बर्फबारी का सुनाता हूं। जिस जगह मैंने कमरा लिया था , वहां कोई गांव नहीं था , बस सड़क के नजदीक दो चार दुकानें थीं , जो कि आप ऊपर दी गई पिक्चर में देख सकते हैं । मेरे कमरे के साथ एक और sir रहते थे जो की शिमला गए हुए थे , मैं बिल्कुल अकेला था । रात को भारी बर्फबारी हुई , जिसके कारण Sir भी नहीं आ पाए , बसें भी बंद , दुकानें भी बंद , दिन में भी कोई नहीं था , में अकेला लाइट भी नहीं थी। फिर मैंने सोचा कि कमरे में ठंड से ठिठुरते रहने से अच्छा है बाहर बर्फ में खेलें